23 Thousand Bank Fraud Happened In Last 5 Years, Says Rbi In Rti Reply - पांच साल में एक लाख करोड़ रुपये के 23 हजार से ज्यादा बैंक घोटाले, Rbi ने एक आरटीआई में दिया जवाब - HINDI NEWS BLOGGER

Get Latest News Updates

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Wednesday, 2 May 2018

23 Thousand Bank Fraud Happened In Last 5 Years, Says Rbi In Rti Reply - पांच साल में एक लाख करोड़ रुपये के 23 हजार से ज्यादा बैंक घोटाले, Rbi ने एक आरटीआई में दिया जवाब

[ad_1]


ख़बर सुनें



रिजर्व बैंक ने कहा है कि पिछले पांच साल में देश के विभिन्न बैंकों में एक लाख करोड़ रुपये के 23 हजार से ज्यादा बैंक घोटालों का पता चला है। देश के केंद्रीय बैंक ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर एक आवेदन के जवाब में यह जानकारी दी है।

एक साल में 5 हजार मामले दर्ज
प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल, 2017 से मार्च, 2018 के बीच बैंक धोखाधड़ी के 5152 मामले उजागर हुए हैं। धोखाधड़ी के इन मामलों में 28,459 करोड़ रुपये शामिल हैं। वर्ष 2016-17 में बैंक घोटालों की संख्या 5076 थी, जिनमें 23,933 करोड़ रुपये शामिल थे।

कुल मिलाकर मार्च, 2013 से मार्च, 2018 तक की पांच साल की अवधि में एक लाख रुपये या उससे ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी के 23,866 मामले सामने आए हैं जिनमें एक लाख 718 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।

खुलासा काफी महत्वपूर्ण
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि धोखाधड़ी के मामले सामने आने के बाद केस विशेष के तथ्यों और परिस्थितियों के अनुसार कार्रवाई की जाती है। बैंक धोखाधड़ी को लेकर रिजर्व बैंक का यह खुलासा काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियां उद्योगपतियों एवं अन्य बैंक ग्राहकों द्वारा अंजाम दिए गए धोखाधड़ी के कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर रही हैं। इनमें नीरव मोदी और मेहुल चोकसी का 130 अरब रुपये का घोटाला भी शामिल है। 


इसके अलावा आईडीबीआई बैंक में 600 करोड़ रुपये के घोटाले में सीबीआई ने एयरसेल के पूर्व प्रमोटर सी शिवशंकरन, उसके बेटे, आईडीबीआई के पूर्व सीएमडी और सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के अधिकारियों पर मामला दर्ज किया है।

केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर, 2017 तक देश के सभी बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) आठ लाख 40 हजार 958 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई हैं। 

NPA में एसबीआई सबसे टॉप पर
एनपीए के सबसे ज्यादा मामले उद्योगों को दिए गए ऋण में सामने आए हैं। बैंकों के कुल एनपीए में एसबीआई दो लाख एक हजार 560 करोड़ रुपये के साथ अव्वल है। पीएनबी का एनपीए 55,200 करोड़ रुपये, आईडीबीआई बैंक का 44,542 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया का 43,474 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा का 41,649 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का 38,047 करोड़, केनरा बैंक का 37,794 करोड़ और आईसीआईसीआई बैंक का एनपीए 33,840 करोड़ रुपये है।

बैंक धोखाधड़ी की बढ़ती संख्या

वर्ष                मामलों की संख्या                धोखाधड़ी की राशि (करोड़ रुपये में)
2013-14            4306                                10,170
2014-15            4639                                19,455
2015-16            4693                                18,698
2016-17            5076                                23,933
2017-18            5152                                28,459



रिजर्व बैंक ने कहा है कि पिछले पांच साल में देश के विभिन्न बैंकों में एक लाख करोड़ रुपये के 23 हजार से ज्यादा बैंक घोटालों का पता चला है। देश के केंद्रीय बैंक ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर एक आवेदन के जवाब में यह जानकारी दी है।


एक साल में 5 हजार मामले दर्ज
प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल, 2017 से मार्च, 2018 के बीच बैंक धोखाधड़ी के 5152 मामले उजागर हुए हैं। धोखाधड़ी के इन मामलों में 28,459 करोड़ रुपये शामिल हैं। वर्ष 2016-17 में बैंक घोटालों की संख्या 5076 थी, जिनमें 23,933 करोड़ रुपये शामिल थे।

कुल मिलाकर मार्च, 2013 से मार्च, 2018 तक की पांच साल की अवधि में एक लाख रुपये या उससे ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी के 23,866 मामले सामने आए हैं जिनमें एक लाख 718 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।

खुलासा काफी महत्वपूर्ण
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि धोखाधड़ी के मामले सामने आने के बाद केस विशेष के तथ्यों और परिस्थितियों के अनुसार कार्रवाई की जाती है। बैंक धोखाधड़ी को लेकर रिजर्व बैंक का यह खुलासा काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियां उद्योगपतियों एवं अन्य बैंक ग्राहकों द्वारा अंजाम दिए गए धोखाधड़ी के कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर रही हैं। इनमें नीरव मोदी और मेहुल चोकसी का 130 अरब रुपये का घोटाला भी शामिल है। 






आगे पढ़ें

IDBI में 600 करोड़ का घोटाला







[ad_2]

Source link

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages