न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 03 May 2018 07:06 PM IST
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प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल, 2017 से मार्च, 2018 के बीच बैंक धोखाधड़ी के 5152 मामले उजागर हुए हैं। धोखाधड़ी के इन मामलों में 28,459 करोड़ रुपये शामिल हैं। वर्ष 2016-17 में बैंक घोटालों की संख्या 5076 थी, जिनमें 23,933 करोड़ रुपये शामिल थे।
कुल मिलाकर मार्च, 2013 से मार्च, 2018 तक की पांच साल की अवधि में एक लाख रुपये या उससे ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी के 23,866 मामले सामने आए हैं जिनमें एक लाख 718 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।
इसी विषय पर अमर उजाला डॉट कॉम ने ऑनलाइन पोल में अपने पाठकों से सवाल पूछा था 'क्या अपनी छवि सुधारने के लिए अब देश के बैंकों को डिफॉल्टर्स के नाम सार्वजनिक कर देना चाहिए?'
पोल के जवाब में हमें कुल 2,192 वोट मिले। इनमें 92.34 फीसदी (2024 वोट) पाठकों ने माना कि अपनी छवि सुधारने के लिए बैंकों को डिफॉल्टर्स के नाम सार्वजनिक कर देना चाहिए, जबकि 7.66 फीसदी (168 वोट) पाठकों ने सवाल के जवाब में असहमति जताते हुए कहा कि देश के बैंकों को डिफॉल्टर्स के नाम सार्वजनिक नहीं करना चाहिए।
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