- देश में मौसम विभाग के 27 ड्रॉपलर राडार हैं। जयपुर और काराइकल के राडार काम नहीं कर रहे हैं
- ड्रॉपलर के अलावा मौसम विभाग पूर्वानुमानों के लिए वेधशालाओं और सैटेलाइटों पर निर्भर रहता है
नई दिल्ली.राजस्थान और यूपी में जिस दिन धूलभरी आंधी आई थी, तब जयपुर स्थित मौसम विभाग के दफ्तर में ड्रॉपलर राडार काम नहीं कर रहा था। मौसम विभाग के एडिशनल डायरेक्टर जनरल देवेंद्र प्रधान ने कहा कि तकनीकी कारणों की वजह से राडार काम नहीं कर रहा था। ड्रॉपलर राडार मौसम के पूर्वानुमान लगाने की प्रक्रिया का अहम हिस्सा होता है। बता दें कि 2 मई को यूपी-राजस्थान समेत देश के उत्तरी इलाकों में धूलभरी आंधी आई थी। इसकी वजह से 133 लोगों की जान गई।
10 दिन से खराब, सुधरने में अभी लगेंगे 2-3 दिन
- प्रधान ने बताया कि पिछले 10 दिनों से ये राडार खराब है। इंजीनियरों की टीम यहां आई है और इस समस्या को अगले 2-3 दिन में सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर जयपुर का राडार ठीक होता तो हम ज्यादा बेहतर स्थिति में होते।
जयपुर के अधिकारी बोले- चेतावनी जारी की गई थी
- जयपुर मौसम विभाग के एक्टिंग डायरेक्टर हिमांशु शर्मा ने कहा, "2 मई को ड्रॉपलर राडार में खराबी आ गई थी, इसका पता अगले दिन चल पाया। हालांकि, हमने राहत विभाग को धूल भरी आंधी को लेकर चेतावनी दी थी।"
क्यों अहम है ड्रॉपलर राडार?
- प्रधान ने बताया कि आपदा नियंत्रण के लिए ड्रॉपलर राडार एक अहम मशीन है।
- ड्रॉपलर के अलावा मौसम विभाग पूर्वानुमानों के लिए वेधशालाओं और सैटेलाइटों पर निर्भर रहता है। ड्रॉपलर राडार की मदद से आंधी, ओलावृष्टि और हवा की दिशा के बारे में बेहतर पूर्वानुमान मिलते हैं। ये 2-3 घंटों के लिए तात्कालिक अलर्ट जारी करने में भी मदद करता है।
- फिलहाल देश में मौसम विभाग के 27 ड्रॉपलर राडार हैं। जयपुर और काराइकल के राडार काम नहीं कर रहे हैं।
बदले हुए मौसम का 12 राज्यों पर असर पड़ा, 133 जानें गईं
- बुधवार रात यूपी-राजस्थान समेत देश के उत्तरी इलाकों में धूल भरी आंधी चली थी। इसके असर से गुरुवार को दक्षिणी राज्यों में जमकर बारिश हुई। मौसम के इस पलटे मिजाज का असर 12 राज्यों पर पड़ा। इसमें 133 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। 300 से ज्यादा घायल हो गए। हजारों मकान, सैकड़ों वाहन और फसलों को भारी नुकसान हुआ।
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