Karnataka Assembly Elections: Bjp Gives Weightage To Mining Mafia Reddy Brothers And B Sriramulu - कर्नाटक विधानसभा चुनाव: भाजपा का खनन माफिया रेड्डी बंधुओं और श्रीरामुलू पर जोर, पुराने नेता भुलाए गए - HINDI NEWS BLOGGER

Get Latest News Updates

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Thursday, 3 May 2018

Karnataka Assembly Elections: Bjp Gives Weightage To Mining Mafia Reddy Brothers And B Sriramulu - कर्नाटक विधानसभा चुनाव: भाजपा का खनन माफिया रेड्डी बंधुओं और श्रीरामुलू पर जोर, पुराने नेता भुलाए गए

[ad_1]


ख़बर सुनें



कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए महज 10 दिन पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति में फेरबदल किया है। मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी बीएस येदियुरप्पा सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक सभा को छोड़कर पार्टी के मंच से गायब हैं। भाजपा के दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा और जगदीश शेट्टार को भी तरजीह नहीं दी जा रही है। यहां तक कि पुराने और मजबूत नेता ईश्वरप्पा भी राजनीतिक परिदृश्य पर नजर नहीं आ रहे हैं। 

वहीं दूसरी ओर भाजपा ने भ्रष्टाचार से लड़ाई के नारे को दरकिनार कर बेल्लारी से अनंतपुर तक हजारों करोड़ रुपयों के लौह अयस्क का अवैध खनन करने के आरोपी रेड्डी बंधुओं के आठ करीबी लोगों को टिकट दिए हैं। इनमें जी जनार्दन रेड्डी के दो छोटे भाई जी सोमशेखर रेड्डी और जी करुणाकर रेड्डी तो हैं ही, साथ ही कभी उनके ड्राइवर रहे बी श्रीरामुलू भी हैं जिन्हें पार्टी ने चित्रदुर्गा जिले की मोलाकालमुरु सीट के अलावा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ उत्तरी कर्नाटक की बादामी सीट से भी उतारा है। 

इनके अलावा रेड्डी के मित्र फिल्म अभिनेता साईं कुमार को उत्तरी कर्नाटक की बागेपल्ली सीट से, एक रिश्तेदार लल्लेश रेड्डी को बीटीएम लेआउट सीट से और श्रीरामुलू के दो चाचाओं- टी सुरेश बाबू को बेल्लारी की कांपली सीट से और सना पकिरप्पा को रायचूर सीट से टिकट दिए गए हैं। 

चिटफंड से माइनिंग किंग

इन तीन भाइयों के पिता तेलुगू भाषी चेंगा रेड्डी थे जो कर्नाटक पुलिस में एक पुलिस कांस्टेबल थे। वह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के श्रीकलाहस्ती के मूल निवासी थे। वह चिटफंड कंपनी के एजेंट थे और पहली बार 1999 में सुर्खियों में आए थे जब सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्लारी लोकसभा सीट से वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने चुनाव लड़ा था। तब वह सुषमा के एजेंट बने थे। 

रेड्डी बंधुओं ने ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी खरीदी। 2002 में बेल्लारी से लेकर आंध्र प्रदेश के कड़प्पा तक का पूरा इलाका लौह अयस्क के लिए गैरकानूनी तरीके से खोद डाला। सात हजार ट्रकों के जरिये इसे चीन निर्यात किया गया। आंध्र के मुख्यमंत्री वाईएसआर रेड्डी से उनके कारोबारी रिश्ते बन गए। अगले तीन सालों में ही उनके पास इतना पैसा आ गया कि उन्होंने कई हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर और किलानुमा बंगले खरीद लिए। 
ऑपरेशन कमल 

येदियुरप्पा के करीबी जनार्दन को 2006 में विधान परिषद का सदस्य बनाया गया। 2008 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा को बहुमत दिलाने के लिए छह निर्दलीय विधायकों का ‘इंतजाम’ रेड्डी ने किया। इस ‘ऑपरेशन कमल’ के जरिये येदियुरप्पा फिर मुख्यमंत्री बने। करुणाकर और जनार्दन मंत्री बने। लेकिन खनन घोटाले में लोकायुक्त और सीबीआई जांच में दोषी पाए जाने पर इस्तीफा देना पड़ा। 43 महीने जेल में बिताए। कुछ ही समय पहले भाजपा में वापसी हुई। बेल्लारी घुसने पर पाबंदी है तो सीमा पर ही बंगला बनाकर प्रचार कर रहे हैं। उन्हें किंगमेकर कहा जाता है। 

ड्राइवर से भावी मुख्यमंत्री तक 

कभी बड़े भाई ने शराब की आदत के चलते श्रीरामुलू को घर से निकाल दिया था। रेड्डी बंधुओं के यहां ड्राइवर का काम पकड़ा। वहां से उनके बिजनेस पार्टनर तक का सफर तय किया। एक समय खुद के लिए पांच करोड़ की लागत वाली लक्जरी बस बनवाई थी। आलीशान किलानुमा घर बनाया। 

आदिवासी नायक जाति के श्रीरामुलू का उत्तर और मध्य कर्नाटक की 22 सीटों पर प्रभाव है। उन्हें 2002 में बेल्लारी नगरपालिका में पार्षद चुना गया। 2008 में विधानसभा सदस्य बने। 2011 में रेड्डी बंधुओं का बीजेपी द्वारा बचाव न करने पर पार्टी छोड़ी। अलग पार्टी बनाई। 2011 का उपचुनाव जीता। 2013 के विधानसभा चुनाव में चार उम्मीदवार जिताए। 2014 में बीजेपी में वापसी हुई। बेल्लारी से सांसद चुने गए। इस बार दो सीटों से मैदान में। माना जा रहा है कि बीजेपी की सरकार बनी तो उपमुख्यमंत्री पद श्रीरामुलू का होगा। मुख्यमंत्री पद भी संभव है।


कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए महज 10 दिन पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति में फेरबदल किया है। मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी बीएस येदियुरप्पा सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक सभा को छोड़कर पार्टी के मंच से गायब हैं। भाजपा के दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा और जगदीश शेट्टार को भी तरजीह नहीं दी जा रही है। यहां तक कि पुराने और मजबूत नेता ईश्वरप्पा भी राजनीतिक परिदृश्य पर नजर नहीं आ रहे हैं। 


वहीं दूसरी ओर भाजपा ने भ्रष्टाचार से लड़ाई के नारे को दरकिनार कर बेल्लारी से अनंतपुर तक हजारों करोड़ रुपयों के लौह अयस्क का अवैध खनन करने के आरोपी रेड्डी बंधुओं के आठ करीबी लोगों को टिकट दिए हैं। इनमें जी जनार्दन रेड्डी के दो छोटे भाई जी सोमशेखर रेड्डी और जी करुणाकर रेड्डी तो हैं ही, साथ ही कभी उनके ड्राइवर रहे बी श्रीरामुलू भी हैं जिन्हें पार्टी ने चित्रदुर्गा जिले की मोलाकालमुरु सीट के अलावा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ उत्तरी कर्नाटक की बादामी सीट से भी उतारा है। 

इनके अलावा रेड्डी के मित्र फिल्म अभिनेता साईं कुमार को उत्तरी कर्नाटक की बागेपल्ली सीट से, एक रिश्तेदार लल्लेश रेड्डी को बीटीएम लेआउट सीट से और श्रीरामुलू के दो चाचाओं- टी सुरेश बाबू को बेल्लारी की कांपली सीट से और सना पकिरप्पा को रायचूर सीट से टिकट दिए गए हैं। 

चिटफंड से माइनिंग किंग

इन तीन भाइयों के पिता तेलुगू भाषी चेंगा रेड्डी थे जो कर्नाटक पुलिस में एक पुलिस कांस्टेबल थे। वह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के श्रीकलाहस्ती के मूल निवासी थे। वह चिटफंड कंपनी के एजेंट थे और पहली बार 1999 में सुर्खियों में आए थे जब सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्लारी लोकसभा सीट से वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने चुनाव लड़ा था। तब वह सुषमा के एजेंट बने थे। 

रेड्डी बंधुओं ने ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी खरीदी। 2002 में बेल्लारी से लेकर आंध्र प्रदेश के कड़प्पा तक का पूरा इलाका लौह अयस्क के लिए गैरकानूनी तरीके से खोद डाला। सात हजार ट्रकों के जरिये इसे चीन निर्यात किया गया। आंध्र के मुख्यमंत्री वाईएसआर रेड्डी से उनके कारोबारी रिश्ते बन गए। अगले तीन सालों में ही उनके पास इतना पैसा आ गया कि उन्होंने कई हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर और किलानुमा बंगले खरीद लिए। 





आगे पढ़ें

ड्राइवर से भावी मुख्यमंत्री तक 







[ad_2]

Source link

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages