पुरुषोत्तम वर्मा, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 04 May 2018 11:49 AM IST
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अधिकारियों के अनुसार, शाखा में तैनात इंस्पेक्टर रितेश कुमार को व्यक्तिगत मुखबिरी मिली थी। जिसके बाद एसीपी जसबीर मलिक की देखरेख में इंस्पेक्टर रितेश कुमार व एसआई धीरज की टीम ने बांके बिहारी मंदिर में दबिश देकर आरोपी को पकड़ लिया। फिर उसे कसौली पुलिस के हवाले कर दिया गया। हिमाचल पुलिस ने विजय सिंह की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम रखा था।
दिल्ली होकर गया था वृंदावन
अधिकारी के मुताबिक, आरोपी दिल्ली होकर ही वृंदावन गया था। वह कसौली से बस से दिल्ली के सराय काले खां बस अड्डे पहुंचा था। यहां से बस लेकर वृंदावन गया था। आरोपी ने मोबाइल रखना बंद कर दिया था। उसके पास लाइसेंसी पिस्टल थी। उसने महिला अधिकारी पर तीन गोलियां चलाई थीं। हाल ही में उसने 25 कारतूस खरीदे थे। पिस्टल व 22 कारतूस उसने सोलन में ही फेंक दिया था।
वृंदावन पहुंचकर पहले वह कुछ मंदिर में घूमता रहा और फिर बांके बिहार मंदिर में जाकर बैठ गया था। यहां वह करीब छह से सात घंटे दोनों कान पकड़कर बैठा रहा। वह भगवान से शिकायत करता रहा कि आखिर उससे ऐसी क्या गलती हुई कि उसका गेस्ट हाउस तुड़वा दिया। वह भगवान के सामने बीच बीच में रोता भी था। उसे महिला अधिकारी की मौत से ज्यादा अपने होटल के टूटने का दुख था। वह अब भी यही चाहता है कि उसका गेस्ट हाउस बच जाए।
परिजनों को फोन करने वाला था
आलोक कुमार ने बताया कि आरोपी ने मोबाइल रखना बंद कर दिया था। वह कसौली में किसी न किसी से बात कर रहा था। आरोपी का कहना था कि वह एक-दो दिन में अपनी मां को फोन करने वाला था। आरोपी कसौली में जहां फोन कर रहा था उससे भी दिल्ली पुलिस को इनपुट्स मिले थे।
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