नई दिल्ली: कठुआ सामूहिक बलात्कार मामले के दो मुख्य आरोपियों ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए , ताकि न्याय हो सके. गौरतलब है कि जनवरी में आठ साल की एक बच्ची का शव कठुआ के रासना जंगल से मिला था. उससे सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. आरोपियों ने मुकदमे को चंडीगढ़ स्थानांतरित किए जाने की याचिका का भी विरोध किया है.
सांझी राम और विशाल जंगोत्रा ने दावा किया कि पुलिस एक निष्पक्ष और प्रभावी जांच करने में नाकाम रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि मामले की जांच करने वाली विशेष जांच टीम ( एसआईटी ) में दागी अधिकारी शामिल थे.
शीर्ष न्यायालय में दाखिल किए गए अपने हलफनामे में आरोपियों ने मृतका के पिता की उस याचिका का विरोध किया है जिसके तहत उन्होंने मुकदमे की सुनवाई कठुआ से चंडीगढ़ स्थानांतरित करने की मांग की है. उन्होंने दलील दी है कि मामले में 221 गवाह हैं और चंडीगढ़ जाकर अदालती कार्यवाही में शामिल होना उनके लिए मुश्किल होगा.
गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने 27 अप्रैल को मुकदमे की सुनवाई पर सात मई तक के लिए रोक लगा दी थी. आरोपियों ने दावा किया कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है.
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