यरुशलम: ईरान के साथ परमाणु समझौते से हटने या उसमें बने रहने को लेकर अमेरिका के विचार करने के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने बीते 30 अप्रैल को कहा कि उनके पास ईरानी परमाणु हथियार कार्यक्रम के नये सबूत हैं. वैश्विक शक्तियों और अपने देश के मुख्य शत्रु ईरान के बीच हुए परमाणु करार में संशोधन या उसके निरसन की बार-बार मांग कर चुके इजरायली प्रधानमंत्री ने टेलीविजन पर ईरान के परमाणु डोजियर को बेनकाब करते हुए वीडियो एवं स्लाइड के माध्यम से लाइव प्रजेंटेशन दिया.
उन्होंने कहा कि इजरायल ने कुछ ही हफ्ते पहले हजारों फाइलें हासिल की हैं जो उसकी एक बड़ी खुफिया उपलब्धि है. उन्होंने कहा, ‘‘आज रात हम गोपनीय परमाणु हथियार कार्यक्रम के नये एवं निर्णायक सबूत का खुलासा करने जा रहे हैं जिसे ईरान अपने गोपनीय परमाणु आर्काइव में अंतररष्ट्रीय समुदाय से सालों से छिपाये रखा.’’ उन्होंने दावा किया कि 2015 के परमाणु करार से ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने में कोई रुकावट नहीं आती है.
उल्लेखनीय है कि अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर परमाणु समझौते को तोड़ने का आरोप लगाया है. यह ऐतिहासिक करार 2015 में हुआ था. इस समझौते पर रूस, चीन, जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस ने हस्ताक्षर किए थे.
ईरान के परमाणु कार्यक्रमों पर इजरायल की खुफिया सूचनाएं सही, अमेरिका विदेश मंत्री पोम्पिओ
वहीं दूसरी ओर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मंगलवार (1 मई) को कहा कि ईरान के परमाणु हथियारों के संबंध में इजरायल की ओर से जारी नई खुफिया जानकारी सही है और इसमें मिली ज्यादातर सूचनाएं अमेरिकी विशेषज्ञों के लिए नई हैं. पोम्पिओ ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बीते 30 अप्रैल को इजरायल सैन्य मुख्यालय में भेंट की. इस दौरान विदेश मंत्री के साथ यह सूचनाएं साझा की गयीं. इजरायल से रवाना होने के बाद पोम्पिओ ने विमान में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें इन सूचनाओं के बारे में कुछ समय पहले से जानकारी थी और कल (30 अप्रैल) हमने साथ मिलकर इस पर चर्चा की.’’
उन्होंने कहा, इसपर पिछले कुछ समय से काम चल रहा है. मुझे मालूम है कि लोग इन दस्तावेजों के असली होने पर संदेह जता रहे हैं. मैं आपसे इसकी पुष्टि करता हूं कि यह सभी दस्तावेज असली हैं. यह पूछने पर कि क्या अमेरिका को ईरान के परमाणु कार्यक्रमों की जानकारी पहले से थी, उन्होंने कहा कि यह बात आंशिक रूप से सच है. हालांकि परमाणु कार्यक्रम दिसंबर, 2003 या जनवरी 2004 में खत्म हो गया.
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