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बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के आवास पर आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की 21वीं बैठक में यह निर्देश दिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी ने की।
एनएससी ने कहा कि इस समय पाकिस्तान जल संकट का सामना कर रह है। अगर इस समझौते को ठीक से लागू कराया गया तो यह संकट दूर हो सकता है। ज्ञात हो कि भारत-पाकिस्तान की इस संधि का गारंटर विश्व बैंक है। वाशिंगटन में सितंबर में विश्व बैंक ने दोनों देशों के बीच अंतिम दौर की बातचीत कराई थी।
सिंधु जल संधि के प्रावधानों के तहत सतलज, व्यास और रावी का पानी भारत को और सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान को दिया गया है। पर जम्मू एवं कश्मीर की दो जल विद्युत परियोजनाओं की डिजाइन को लेकर पाकिस्तान ने आपत्ति दर्ज कराई थी और 2016 में इस मामले को लेकर विश्व बैंक पहुंचा था।
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