बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 04 May 2018 12:49 PM IST
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इस वजह से घटा रूझान
आरबीआई के मुताबिक नोटबंदी के बाद बैंक में एफडी खाता खुलवाने वालों की संख्या में काफी इजाफा देखा गया था। लेकिन पिछले वित्त वर्ष में हुए बैंकिंग घोटालों के बाद से लोगों का बैंकों से विश्वास उठने लगा और उन्होंने एफडी से पैसे को म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश कर दिया।
एसबीआई के रिटेल व डिजिटल बैंकिंग के एमडी पीके गुप्ता ने कहा कि नोटबंदी के बाद लोगों ने पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट जमा कराने के लिए बैंकों में एफडी खाते खुलवाए थे।
लेकिन इस वित्त वर्ष में अधिकांश पैसा बैंकिंग सिस्टम से बाहर जा चुका है। पीएनबी व अन्य बैंकों में घोटाले खुलने के बाद से लोग काफी डर गए थे। इसके बाद सरकार द्वारा FRDI बिल लाने की खबरों से भी काफी लोगों को लगा कि बैंक में पैसे जमा करना खतरे से खाली नहीं है।
जमा हुआ केवल 114 लाख करोड़ रुपये
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