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होगी लाइसेंस, स्पेक्ट्रम फीस की समीक्षा
दूरसंचार मंत्रालय द्वारा जारी की गई नीति के मसौदे में कर्ज के बोझ से दबे दूरसंचार क्षेत्र को उबारने की भी प्रतिबद्धता जताई गई है। इसके लिए दूरसंचार कंपनियों की लाइसेंस फीस, स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क, सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष के शुल्क की समीक्षा की जाएगी, क्योंकि इन सभी शुल्कों के चलते दूरसंचार सेवा की लागत बढ़ती है। साथ ही नई नीति के मसौदे में क्षेत्र में कारोबार सुगमता पर भी जोर दिया गया है।
मिलेगी 50 एमबीपीएस की स्पीड
मसौदे के मुताबिक, हर नागरिक को 50 एमबीपीएस की ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराने और 2020 तक देश के सभी ग्राम पंचायतों को एक जीबीपीएस तथा इसी अंतराल में 10 जीबीपीएस ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य रखा गया है। मसौदे के अनुसार, देश के विकास के लिए नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के माध्यम से गति देने के लिए क्षेत्र में 2022 तक 100 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित किया जाएगा।
नई प्रौद्योगिकी पर जोर
mobile hacking
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